सफलता के लिए शॉर्टकट का रास्ता नहीं, मेहनत की राह चुनिए




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अक्सर हम दूसरों की कामयाबी से प्रभावित होकर, ये सोचते हैं की वो कितना लकी हैं। हम ये नहीं देखते की उसकी सफलता के पीछे, कितनी संघर्ष और कितनी मेहनत छुपी हुई हैं? इसी गलती के कारण, हम वैसी सफलता प्राप्त करने का आसान और शॉर्टकट तरीका ढूंढते हैं। नतीजा ये होता हैं की हमे कुछ नहीं मिलता। जबकि, सफलता का एक ही तरीका हैं, वो है सही मेहनत, सही दिशा में

शॉर्टकट से मिली सफलता शार्ट टर्म के लिए होती हैं, जिसकी कोई गारंटी नहीं:-


जंगल में हर तरह के पेड़, पौधे, घास आदि होते हैं, कुछ जल्दी से बड़े हो जाते हैं। जैसे जंगली घासें, जो  3-4 महीनो में उगते हैं और कुछ महीनों में खत्म भी हो जाते हैं। वही एक पेड़, जो धीरे-धीरे बड़ा होता हैं, उसकी जड़े और शाखाएं मजबूत होती है, जिसके कारण उस पेड़ की उम्र बहुत अधिक होती हैं।

ठीक उसी तरह, जो लोग कामयाबी के लिए कोई भी शॉर्टकट तरीका अपनाते हैं, उनकी कामयाबी की अवधि भी कम हो जाती हैं। शॉर्टकट का मतलब हैं, ज्ञान और प्रशिक्षण से समझौता करना। याद रखिये, शॉर्टकट उस लिफ्ट की तरह हैं, जो कभी भी बंद पड़ सकती हैं। लेकिन सीढ़ी कभी बंद नहीं पड़ती, उसमे आप कभी भी नहीं फसतें।

शॉर्टकट अपनाकर आप अपना विकास नहीं करते:-


शॉर्टकट अपनाने वाले, अपने साथ अन्याय करते हैं। दरअसल वो अपनी शक्ति, आत्मविश्वास और अपने  गुणों पर यकीन नहीं रखते। उन्हें लगता हैं, इसके बिना भी कामयाबी मिल सकती हैं, फिर मेहनत क्यों करें? और वो शॉर्टकट सा तरीका अपना लेते हैं। वो हर चीज में शॉर्टकट ढूंढते हैं, जैसे पढ़ाई उतना ही करना, जितने सवाल परीक्षा में आने हैं।

शॉर्टकट वाले सिर्फ अपना समय बचाते हैं, उन्हें परिणाम की फिक्र हैं पर प्रक्रिया से दूर भागते हैं। ऐसा करके वो अपना विकास नहीं करते, बल्कि अपना विकास खत्म करते है। हर चीज को समझने का एक तरीका हैं, जिसे समझे बिना कोई आगे नहीं बढ़ सकता। अधुरा ज्ञान, अधुरा प्रशिक्षण, अधूरी मेहनत का फल भी अधुरा ही मिलता हैं।  



शॉर्टकट अप्राकृतिक हैं, ये श्रृष्टि और रचना के विपरीत हैं:-


कभी-कभी, एक बच्चा जब 9 महीने से पहले, मात्र 7-8 महीने में ही जन्म ले लेता हैं, तो उसके जीने की संभावना कम हो जाती हैं। क्योंकि उसका शरीर पूर्ण विकसित नहीं हुआ होता। प्रकृति ने सभी जीव, प्राणी, उदभिद आदि के विकास की समय निर्धारित की हैं, जिसे तोड़ना अनुचित हैं। प्रकृति के हिसाब से, ऋतुएँ, मौसम, दिन-रात में परिवर्तन होता हैं, ये प्राकृतिक है। इसे बदला नहीं जा सकता।


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जल्दी सीखने का शॉर्टकट अपनाइए पर सीखने से बचने का नहीं  :-


आप जल्दी से सीखने और समझने का शॉर्टकट तरीका जैसे brain, memory power आदि को अपना सकते हैं, पर उसे कभी skip नहीं कर सकते। जल्दी सीखने का शॉर्टकट तरीका हो सकता हैं, पर सीखे बिना सफलता पाने का कोई शॉर्टकट तरीका नहीं हैं।


सफलता के लिए, शॉर्टकट का रास्ता छोड़िये, मेहनत और परिश्रम की राह चुनिए:-



इस तेज दुनिया में तेज होना बहुत जरुरी  हैं, पर शॉर्टकट उसका कोई अच्छा विकल्प नहीं है। अपने हिस्से की मेहनत किये बिना, सफलता की उम्मीद करना, दिवास्वप्न से ज्यादा नहीं है। सीखने, समझने और प्रशिक्षण की प्रक्रिया से होकर जब कोई गुजरता हैं, तो उसका सम्पूर्ण विकास होता हैं, जो शॉर्टकट में नहीं होता। इसलिए सफलता का शॉर्टकट रास्ता नहीं, ज्ञान, मेहनत और लगन की राह चुनिए।

सफलता प्राप्त करने का कोई शॉर्टकट नहीं होता |  There is no shortcut to success in Hindi – Success Story in हिंदी


कहानी शीर्षक : सुनहरे पंखों वाला पक्षी : सफलता प्राप्त करने के लिए आसन रास्ता चुनना सही नहीं



एक बार सुनहरे पंखों वाली एक चिड़िया जंगल में इधर-उधर पेड़ों पर फुदक रही थी। हर दिन की तरह वह अपने स्वादिष्ट खाना पेड़ों के तने में रहने वाले कीड़ों को ढून्ढ रही थी। अचानक उसकी नजर एक व्यक्ति पर पड़ी, जो उसी जंगल के रास्ते से कहीं जा रहा था। उसके हाँथ में एक छोटा सा लकड़ी का बक्सा था और वह व्यक्ति बहुत ही जल्दी में था।

तभी उस सुनहरे पंखों वाले पक्षी ने उस व्यक्ति को प्रश्न किया और कहा ! आप कौन हैं महाशय और इतनी हड़बड़ी में कहाँ चले जा रहे हैं ? उस व्यक्ति ने जल्दबाजी में उत्तर दिया ! मैं जंगल के उस पार बसने वाले गाँव का एक किसान हूँ और पास वाले गाँव के बाज़ार की ओर जा रहा हूँ जो जंगल के दुसरी तरफ है। सुनहरे पंखों वाली चिड़िया ने दुबारा प्रश्न किया ! इस बक्से में ऐसा क्या है जो आप बाज़ार में बेचने जा रहे हो ? उस किसान ने उत्तर दिया ! इसमें पेड़ों के तनों में रहने वाले कीड़े हैं जो मैं एक सुनहरे पंख के बदले में बाज़ार में बेचना चाहता हूँ।

मनुष्य की यह बात सुनते ही सुनहरे पंखों वाली उस पक्षी के मुह में पानी आ गया और उसने पुछा ! क्या आप इस बक्से को मुझे दे सकते हैं ? मैं आपको इसके बदले अपना एक सुनहरा पंख दे दुंगी। क्योंकि मेरे पास तो बहुत सारे पंख हैं। यह सुन के किसान भी खुश हो गया क्योंकि उसे आधे रास्ते पर ही बिना बाज़ार गए सुनहरा पंख मिल गया, किसान ने भी हाँ करके उस कीड़ों से भरा बक्सा उस सुनहरे पक्षी को दे दिया। उस सुनहरे पक्षी ने किसान को जाते समय एक और प्रश्न किया ! क्या आप हर दिन मेरे लिए कीड़ों से भरा बक्सा ला सकतें हो ? मैं आपको हर दिन अपना एक पंख दूँगी।

यह सुन कर किसान खुश हो गया और प्रतिदिन दिन सुनहरे पक्षी के लिए कीड़ों से भरा बक्सा लाने लगा और उस दिन की तरह वह पक्षी भी प्रतिदिन अपना एक सुनहरा पंख उस किसान को देता था। ऐसा करते-करते कई दिन बीत गए। एक ऐसा दिन आया जब उस सुनहरे पक्षी के सभी पंख समाप्त हो गए और वह उड़ने में भी असमर्थ हो गयी। जिसके कारण वह खाने की तलाश में भी न जा सकी और कुछ ही दिनों में उसकी मृत्यु हो गयी।


इस कहानी से 3 बातें सीख सकते हैं :-


  • सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करने से कभी नहीं चूकना चाहिए। मेहनत के बल पर हासिल की गई सफलता लंबे समय तक चलती है। 

  • शॉर्टकट से बचना चाहिए। शॉर्टकट हमें तुरंत मंजिल पर पहुंचा सकता है, मगर इसके एवज में हमें कहीं कोई भारी कीमत न चुकानी पड़ जाए।

  • आपकी मंजिल पर पहुंचने की हड़बड़ी का कोई और फायदा तो नहीं उठा रहा है। हमारे आसपास ऐसे बहुत से लोग होते हैं। इनका काम सिर्फ अपना मकसद पूरा करना होता है।इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि जीवन में कभी भी आलस्य नहीं करना चाहिये क्योंकि आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु होता है। जिस प्रकार सुनहरे पंख वाले पक्षी ने आलस्य के कारण अपने खाने यानि की लक्ष्य को पाने का Shortcut अपनाया और उसके जीवन का अंत हो गया। उसी प्रकार सफलता प्राप्त करने के लिए हर किसी व्यक्ति को कड़ी महेनत की जरूरत है न की किसी Shortcut की।

दोस्तों, उम्मीद करते हैं  यह आर्टिकल “ सफलता के लिए शॉर्टकट का रास्ता नहीं, मेहनत की राह चुनिए ” आपके लिए हेल्पफुल होगा। इस आर्टिकल ने आपको कितना इंस्पायर्ड किया , मोटिवेट किया कृपया कमेंट कर अवश्य बतायें, आपके किसी भी प्रश्न एवं सुझावों का स्वागत है। शेयर करें, जुड़े रहने की लिए Subscribe करें । धन्यवाद !

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