विष्णु मंत्र : इन मंत्रों के बिना अधूरी है श्री‍हरि विष्णु की पूजा, एकादशी के दिन जरूर जपें, मिलेगा धन-वैभव...




शास्त्रों के अनुसार प्रतिदिन भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करना विशेष फलदायी रहता है।विशेषकर एकादशी पर भगवान विष्‍णु के नामों का जप, उनके मंत्रों के जाप का काफी महत्‍व है। कहा जाता है कि इस दिन नारायण हरि की पूजा करने से मनचाहा वरदान मिलता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार प्रतिदिन भगवान श्रीहरि का स्मरण करने से जीवन के समस्त संकटों का नाश होता है तथा धन-वैभव की प्राप्ति होती है।

श्री‍हरि विष्णु का स्वरूप शांत और आनंदमयी है। वे जगत का पालन करने वाले देवता हैं। अगर प्रतिदिन कोई मंत्र न पढ़ सकें तो कम से कम किसी खास अवसर पर या जैसे एकादशी या गुरुवार के दिन भगवान विष्णु का स्मरण कर 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करना फलदायी रहता है।

यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं श्रीहरि विष्‍णु के विविध मंत्र, जिनका जाप कर धन-वैभव, समृद्धि तथा जीवन के अनेक कष्टों से मुक्ति पाई जा सकती हैं, आइए जानें श्रीहरि नारायण के सरलतम चमत्कारी मंत्र :-

शीघ्र फलदायी मंत्र :-

  • विष्णु कृष्ण अवतार मंत्र-  श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

  • विष्णु गायत्री महामंत्र - ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

  • विष्णु रूपं पूजन मंत्र- शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम। विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम। लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।वन्दे विष्णुम  भवभयहरं सर्व लोकेकनाथम ।।
 
  • ॐ विष्णवे नम:।।
 

धन-वैभव एवं संपन्नता पाने का विशेष मंत्र पढ़ें :-

ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।



धन लाभ के लिए रोज बोलें :-

लक्ष्मी विनायक मंत्र
दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया, लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।



विष्णु के पंचरूप मंत्र -

ॐ अं वासुदेवाय नम:।।
ॐ आं संकर्षणाय नम:।।
ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:।।
ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:।।
ॐ नारायणाय नम:।।
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।




एकदम सरल एवं लाभदायी मंत्र :-


ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि ।।
ॐ हूं विष्णवे नम:।।

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