साप्ताहिक महोत्सव कैलेंडर 2020 (4 मई से 10 मई): गौण मोहिनी एकादशी, प्रदोष व्रत, नरसिंह जयंती, बैशाख पूर्णिमा और संकष्ठी चतुर्थी का पर्व और व्रत है इसी सप्ताह







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4 मई 2020 से शुरू हो रहे नए सप्ताह में इस बार कई महत्वपूर्ण पर्व और जयंती पड़ रही हैं जिनका अपना एक विशेष धार्मिक महत्व है। धर्म-कर्म के लिहाज से आने वाले सप्ताह बहुत ही विशेष है। इस सप्ताह शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत, नरसिंह जयंती, बैशाख पूर्णिमा और नारद जयंती जैसे महत्वपूर्ण पर्व पड़ रहे हैं।

4 मई 2020 - सोमवार - गौण मोहिनी एकादशी:-


गौण मोहिनी एकादशी का पर्व और व्रत 4 मई को है। इस दिन एकादशी के व्रत का पारण किया जाएगा। एकादशी के व्रत को तोड़ने की प्रक्रिया को पारण कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के बाद इस व्रत का पारण किया जाएगा। जिसका समय 4 मई को 1 बजकर 36 मिनट से 4 बजकर 16 मिनट तक होगा।

5 मई 2020- मंगलवार- प्रदोष व्रत:-

प्रदोष व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने वाला व्रत माना गया है। अलग-अलग दिन प्रदोष व्रत का अलग अलग महत्व बताया गया है। इस बार का प्रदोष व्रत मंगलवार को पड़ रहा है। जो रोगों को दूर करने वाला बताया गया है। त्रयोदशी तिथि में सायं काल को प्रदोष काल कहा जाता है। मान्यता है कि प्रदोष के समय भगवान शिव कैलाश पर्वत के रजत भवन में नृत्य करते हैं। प्रदोष व्रत को करने से हर प्रकार का दोष मिट जाता है।

6 मई 2020- बुधवार- नरसिंह जयंती:-

नरसिंह जयंती बैशाख माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर राजा हिरण्यकश्यप का अंहकार और वरदान चूर-चूर कर दिया था। इस दिन नरसिंह भगवान की पूजा करने से जीवन में आने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है, जीवन में धन की कमी भी दूर होती है।



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7 मई 2020- बृहस्पतिवार- बैशाख पूर्णिमा:-

इस दिन को बैशाख पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा के मनाए जाने की परंपरा है। इस दिन स्नान और दान को श्रेष्ठ फलदायी बताया गया है।

8 मई 2020- शुक्रवार- नारद जयंती:-

इस दिन को नारद जयंती के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि देवऋषि नारद मुनि का जन्म वैशाख माह की कृष्ण प्रतिपदा के दिन हुआ था। नारद जी को देवताओं का दिव्य दूत और संचार का अग्रणी साधक माना गया है।

10 मई 2020- रविवार- संकष्ठी चतुर्थी व्रत:-

इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत रखने और गणेश जी की उपासना करने से मनोकामना पूर्ण होती है और जीवन में सुख शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।

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