Chaitra Navratri 2020 : कठिन समय को देखते हुए व्रत न रखकर ये 5 काम करें, पुण्य मिलने के साथ बरसेगी मां की कृपा



आज चैत्र नवरात्रि का पहला दिन है। आज मां दुर्गा के प्रथम रूप शैलपुत्री का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की बेटी हैं। नवरात्रि में शैलपुत्री पूजन का विशेष महत्व है। आज पूजन के अलावा कई भक्त नौ दिनों का व्रत भी रखते हैं लेकिन इस बार चैत्र नवरात्रों में विधिवत पूजन के साथ व्रत रखना एक जोखिम ही माना जा रहा है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कोरोना वायरस के खतरे के बीच देश में 21 दिनों का लॉकडाउन हो गया है। वहीं, संक्रमण से बचने के लिए सेल्फ आइसोलेशन के अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने को सबसे कारगर उपायों के तौर पर माना जा रहा है। ऐसे में व्रत के दौरान कुछ न खाना आपकी सेहत के लिए लिहाज से बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। ऐसे में अगर आप मां दुर्गा प्रसन्न करने के लिए ऐसे कई काम कर सकते हैं, जिन्हें पौराणिक मान्यताओं में व्रत के बराबर फल देने वाला ही बताया गया है। आइए, जानते हैं- 



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दान करें :-


पौराणिक कहानियों में दान की महत्व को सबसे ऊपर रखा गया है। दान का महत्व उस वक्त और भी बढ़ जाता है जब देश में ऐसे हालात हो। ऐसे में अपनी जरूरत को पूरा करते हुए अगर आप किसी को अन्न, जल या कोई अन्य चीज देते हैं, तो यही मायनों में इसका तप व्रत से ज्यादा है। इंसान हो या जानवर किसी भी जीव को दान करना सबसे श्रेष्ठ कार्यों में से एक है। 


जानवरों की मदद करें:-


प्रत्येक जीव को ईश्वर की संतान माना जाता है लेकिन जानवरों, पक्षियों पर भगवान की विशेष कृपा होती है क्योंकि वो इंसानों की तरह छल-कपट से दूर रहते हैं। ऐसे में हमें कोशिश करनी चाहिए कि मुश्किल की इस घड़ी में हम जानवरों की थोड़ी मदद करें। आमतौर पर हमारे घरों में बचे हुए खाने से ही उनका जीवन चलता है, ऐसे में आप प्रसाद के तौर पर खाना बनाते समय 1-2 रोटी उनके लिए निकालकर रख सकते हैं। बचे हुए खाने को किसी साफ जगह पर रखकर उनकी मदद की जा सकती है। संकट की इस घड़ी में छोटे-छोटे प्रयासों से मानवता का धर्म निभाएं। 

अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगे :-


दुनिया में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है, जिससे कभी कोई गलती न हुई हो। ऐसे में अगर आपसे भी कोई ऐसी गलती हो गई है जिसे आपने सुधारा नहीं है, तो आप मां दुर्गा से क्षमा मांगकर जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। वहीं, गलती सुधारने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप उस व्यक्ति से माफी मांगे, जिसे आपने सबसे ज्यादा दुख पहुंचाया है। दूसरों को माफ करने के साथ माफी मांगना भी किसी पुण्य से कम नहीं माना जाता। 




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अपने घर परिवार के लोगों का आभार व्यक्त करें  :-


जीवन की आपा-धापी में अक्सर यह होता है कि हमें अपने परिवारजनों का आभार जताने का मौका नहीं मिल पाता। हमें बहुत छोटी-छोटी चीजों का भी आभार व्यक्त करना चाहिए। जैसे, अगर हमारी मां, बहन या घर का कोई अन्य सदस्य हमारे लिए रोजाना खाना बनाता या हमारी रोजाना की छोटी-छोटी चीजों का ख्याल रखता है, तो उसे इसके बदले धन्यवाद देना न भूलें। सेल्फ आइसोलेशन के इस समय में जीवन को समझने का भी हम सभी के पास बढ़िया मौका है। 

गायत्री मंत्र का जाप :-


भावार्थ – ॐ उस प्राणस्वरूप, दुःखों का नाश करने वाले, सुख के स्वरूप, सर्वश्रेष्ठ, सूर्य के समान तेजवान, पापों का नाश करने वाले, ईश्वर के रूप परमात्मा को हम अपनी अन्तरात्मा (आत्म चिन्तन) में धारण करें। वह प्रभु (परमात्मा) हमारी बुद्धि को अच्छे मार्ग (सतमार्ग) पर चलने की शक्ति प्रदान करें।


गायत्री मंत्र का जाप करने से मन शांत ही नहीं होता बल्कि इसे धयान (मेडिटेशन) करने के दौरान भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अच्छा माना जाता है। गायत्री मंत्र के उच्चारण से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वहीं, आज के समय के हिसाब से पूजन विधि के लिए गायत्री मंत्र सबसे सटीक विकल्प है क्योंकि इसका जाप आप मन-मन में आंख बंद करके करते हैं। इसमें लोगों के संपर्क में आने का विकल्प भी नहीं होता। महामारी के समय को देखते हुए आपको नवरात्रि में इतना ख्याल रखना पड़ेगा। यकीन मानें, पौराणिक कथाओं और पुराणों में व्रत की तरह इन बातों का भी उतना ही महत्व है। 


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