International Yoga Day 2020 Date, History and Theme: जानें- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास, उद्देश्य और मनाने की वजह




योग के अनेक लाभ हैं। इसमें सबसे प्रमुख है- अच्छा स्वास्थ्य। योग हमें तनावमुक्त जीवन जीने की तकनीक प्रदान करता है। योग सिर्फ व्यायाम नहीं है, वह हरेक परिस्थिति में आपको कुशलता से कर्म करना सिखाता है। तनावपूर्ण परिस्थितियों के रहते हुए भी आपकी मुस्कान बनाए रखना योग का उद्देश्य है। योगाभ्यास आपको सर्वोच्च सत्य के ज्ञान के लिए तैयार करता है। आप दुखी हैं, तो यह आपको दुख से बाहर ले जाता है। आप बहुत बेचैन हैं, तो योग आपके अंदर धैर्य लाता है। यह आप में कार्यकुशलता लाता है।

हमारे कर्म ही हमारे सुख-दु:ख के कारण होते हैं और जब हमारे कर्म कुशल होते हैं, तब वे कर्म हमें सुख देते हैं। व्यक्ति को जीवन में अधिक जिम्मेदार बनाने में भी योग सहायक है। इसे कर्मयोग कहा जाता है। योग आपमें और अधिक ऊर्जा और उत्साह पैदा करता है। यदि आपके पास पर्याप्त उत्साह और ऊर्जा है तो आप निश्चित रूप से अधिक जिम्मेदारी लेते हैं और कभी उसका भार महसूस नहीं करते।

21 जून को क्यों मनाया जाता है योग दिवस?


योग, भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी विरासत है, जिसके प्रणेता महर्षि पतंजलि को माना जाता है। योग साधना में जीवन शैली का पूर्ण सार समाहित किया गया है। दरअसल 21 जून उत्तरी उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे कुछ लोग ग्रीष्म संक्रांति भी कहकर बुलाते हैं।भारतीय परंपरा के अनुसार ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। कहा जाता है कि सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता है इसी वजह से 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाते है। 

पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी जिसमें उन्होंने कहा:

"योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है; विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है। यह व्यायाम के बारे में नहीं है, लेकिन अपने भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज के विषय में है। हमारी बदलती जीवन- शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है। तो आयें एक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को गोद लेने की दिशा में काम करते हैं।" —नरेंद्र मोदी, संयुक्त राष्ट्र महासभा

जिसके बाद 21 जून को " अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" घोषित किया गया। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को " अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है।


योग दिवस की थीम


हर साल की तरह इस साल भी योग दिवस को एक थीम दी गई है, भारत में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। राजधानी दिल्ली समेत तमाम शहरों में आयोजन होते हैं। हालांकि इस बार कोरोना के चलते बाहर आयोजन नहीं होंगे। लोगों से अपने घरों में ही योग दिवस मनाने की अपील की गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) का विषय (Theme) ‘घर पर योग, परिवार के साथ योग (Yoga at home, Yoga with Family)’ रखा गया है।

साल दर साल कुछ ऐसी थी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम 


2015: सद्भाव और शांति के लिए योग (Yoga for Harmony and Peace)

2016: युवाओं को कनेक्ट करें (Connect the youth)

2017: स्वास्थ्य के लिए योग (Yoga for Health)

2018: शांति के लिए योग (Yoga for Peace)

2019: पर्यावरण के लिए योग (Yoga for Climate Action)

श्लोकों की अनिवार्यता हटा दी गई

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को विवादों से बचाने के लिए सूर्य नमस्कार और संस्कृत के श्लोकों की अनिवार्यता खत्म कर दी गई थी। आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने मुसलमानों को योग के दौरान श्लोक के स्थान पर अल्लाह के नाम का उच्चारण करने की सलाह दी थी।


विश्व योग दिवस का उद्देश्य

निम्न उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये योग के अंतरराष्ट्रीय दिवस को अंगीकृत किया गया है:-


  • योग के अद्भुत और प्राकृतिक फायदों के बारे में लोगों को बताना।
  • योग अभ्यास के द्वारा लोगों को प्रकृति से जोड़ना।
  • योग के द्वारा ध्यान की आदत को लोगों में बनाना।
  • योग के समग्र फायदों की ओर पूरे विश्वभर में लोगों का ध्यान खींचना।
  • पूरे विश्व भर में स्वास्थ्य चुनौतीपूर्ण बीमारियों की दर को घटाना।
  • व्यस्त दिनचर्या से स्वास्थ्य के लिये एक दिन निकाल कर समुदायों को और करीब लाना।
  • वृद्धि, विकास और शांति को पूरे विश्वभर में फैलाना।
  • योग के द्वारा तनाव से राहत दिलाने के द्वारा खुद से उनकी बुरी परिस्थिति में लोगों की मदद करना।
  • योग के द्वारा लोगों के बीच वैश्विक समन्वय को मजबूत करना।
  • लोगों को शारीरिक और मानसिक बीमारियों के प्रति जागरुक बनाना और योग के माध्यम से इसका समाधन उपलब्ध कराना।
  • अस्वास्थ्यकर कार्यों से बचाना और बेहतर स्वास्थ को बनाने के लिये अच्छे कार्य को सम्मान और प्रचारित करना।
  • शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के उच्च स्तर का पूरी तरह से आनन्द लेने के लिये लोगों को उनके अच्छे स्वास्थ्य और स्वस्थ्य जीवन-शैली के अधिकार के बारे में बताना।
  • स्वास्थ्य की सुरक्षा और दीर्घकालिक स्वास्थ्य विकास के बीच संबंध जोड़ना।
  • नियमित योग अभ्यास के द्वारा सभी स्वास्थ्य चुनौतीयों से पार पाना।
  • योग अभ्यास के द्वारा लोगों के बेहतर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रचारित करना।

भारत के नाम दर्ज है रिकॉर्ड

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गणमान्य लोगों सहित करीब 36000 लोगों ने , 21 जून 2015 को नई दिल्ली में पहले अंतरराष्ट्रीय योग के लिए 35 मिनट तक 21 योग आसन  का प्रदर्शन किया था। योग दिवस दुनिया भर में लाखों लोगों द्वारा मनाया गया। राजपथ पर हुए समारोह ने दो गिनीज रिकॉर्ड्स की स्थापना की सबसे बड़ी योग क्लास 35,985 लोगों के साथ और 44 देशों के लोगों द्वारा इस आयोजन में एक साथ भाग लेने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। लेकिन इस साल कोरोना महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय योग दिवस धूमधाम से नहीं मनाया जाएगा। ऐसे में आपको घर पर रहकर ही योग करना होगा।



नोट :- इस बार योग दिवस के मौके पर सूर्य ग्रहण भी लग रहा है।इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। 21 जून को सुबह 9 बजकर 15 मिनट से सूर्य ग्रहण लग रहा है जो दोपहर 3 बजकर 4 मिनट में खत्म होगा। कोशिश करें कि ग्रहण लगने से पूर्व ही आप योग करें, हालांकि ग्रहण के दौरान भी योग किया जा सकता है। परंतु ध्यान रहे योग करने के लिए बाहर न जाएं। घर पर ही करें। 



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