Navratra 2019: नवरात्र में मां दुर्गा किस वाहन पर सवार होकर आती है और किस पर जाती है ?


इस नवरात्रि हाथी पर सवार होकर आ रही हैं मां अम्बे, जानें क्या है इसके मायने और कैसे होगी माता की विदाई


हम सभी जानते हैं माँ की सवारी शेर पर होती है, लेकिन नवरात्र के समय में माँ का वाहन दिन के अनुसार बदलता रहता है घट स्थापना के दिन माँ किस वाहन में आ रही है और दशमी या विसर्जन के दिन किस वाहन पर जा रही हैं। इसको जानना इसलिए भी जरुरी है क्योंकि माँ के वाहनों का सम्बन्ध शुभ और अशुभ फल की प्राप्ति से जुड़ा हुआ है ,माता की सवारी भविष्य के बारे में कुछ संकेत देती है। इसलिए प्राचीन काल से ही मां दुर्गा के आगमन और विदाई को महत्वपूर्ण माना गया है।आप को इस बात को सुनकर अजीब सा लगा होगा की माता रानी की सवारी शेर के अलावा कुछ और भी हैं ? पर यह कैसे हो सकता है हमनें तो हमेशा यही सुना है की माँ की सवारी सिर्फ शेर पर ही होती है ! लेकिन ये सच हैं हर साल नवरात्रि के समय तिथि के अनुसार माता अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर धरती पर आती हैं। यानी माता सिंह की बजाय दूसरी सवारी पर सवार होकर भी पृथ्वी पर आती हैं।इसकी गणना नवरात्र के प्रथम दिन से की जाती है तो चलिए जानते हैं माँ दुर्गा का वाहन इस बार कौन सा है ? किस पर सवार होकर आएगी माँ हमारे घर नवरात्र के पावन पर्व के समय मां दुर्गा का वाहन क्या होना चाहिए ? और इसका कैसा रहेगा असर जानते हैं …


इसके लिए हमारे धर्म ग्रंथ में एक सुंदर सा श्लोक उपस्थित है जो इस प्रकार है-

शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।

गुरौ शुक्रे च दोलायां बुधे नौका प्रकी‌र्त्तिता।


इसका अर्थ है:-

  • अगर नवरात्र की शुरुआत रविवार और सोमवार से हो तो माँ दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती है।
  • यदि नवरात्र शनिवार और मंगलवार से प्रारंभ हो तो माँ घोड़े पर सवार होकर आती है।
  •  गुरुवार और शुक्रवार यदि नवरात्र की शुरुआत हो तो माँ भगवती डोली पर सवार होकर आती है।
  •  बुधवार से नवरात्र शुरू हो तो इसका अर्थ है माँ भगवती नौका पर सवार होकर आती है।




विसर्जन के समय माँ किस वाहन पर जाती है ?

  • रविवार सोमवार माँ दुर्गा महिष पर बैठ कर चली जाती है।
  • शनिवार और मंगलवार माँ  दुर्गा मुर्गा पर बैठ कर जाती है।
  • गुरुवार और शुक्रवार को माता हाथी पर बैठकर चली जाती है।
  • बुधवार को माँ भगवती मनुष्य के कंधे पर बैठकर अपने धाम चली जाती है।

इस प्रकार की मान्यता है की माँ जगदम्बे जिस भी वाहन में धरती पर आती जाती है उसी के अनुसार साल भर में होने वाली सभी प्रकार के घटनाओं का अंदाजा लगाया जाता हैं।

इस बार शारदीय नवरात्र 29 सितंबर २०१९ (रविवार)  से 8 अक्तूबर 2019(सोमवार) तक मनाया जायेगा।

इस नवरात्रि माता का वाहन गज यानी हाथी है। जिसे कृषि के लिहाज से अच्छा माना जा रहा है। क्योंकि इस वाहन का मतलब है अच्छी वर्षा यानी मां अम्बे के हाथी पर सवार होकर आने से यह साल बारिश के लिहाज से अच्छा रहेगा। किसानों की आय बढ़ेगी। लेकिन राजनीतिक क्षेत्र में उथल-पुथल की स्थिति बनी रहेगी। युद्ध के हालात बन सकते हैं। पिछले साल भी माता का आगमन हाथी पर ही हुआ था।साथ ही माता का विसर्जन 8 अक्तूबर (मंगलवार ) को होगा विसर्जन सोमवार में होना व्याकुल - वयग्ता,शोक ,रोग ,और आपत्ति का द्योतक है।

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  1. बहुत अच्छी जानकारियां।
    हे शिव प्रिये ,शंकर प्रिये,
    जय मंगले मंगल करो
    🙏🌹

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