Sawan somvar vrat vidhi detail : सावन सोमवार का व्रत कैसे रखें, जानिए पूरी पूजा विधि और महत्व







[ads id="ads1"]



सावन सोमवार का व्रत कैसे रखें, जानिए पूरी पूजा विधि और महत्व


हिन्दू धर्म में सावन के सोमवार व्रत का अत्यंत महत्व होता है। इस साल यानि २०१९ (2019) में सावन का महीना जिसे भगवान शंकर का महीना कहा जाता है १७ (17) जुलाई से शुरू होकर १५ (15 ) अगस्त तक रहेगा। सावन के महीने में पड़ने वाले सोमवार का खास महत्व होता है। माना जाता है कि सावन सोमवार व्रत करने से भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं।आपको बता दें कि इस बार सावन के पवित्र महीने में कुल 4 सोमवार पड़ेंगे। तीसरे सोमवार में त्रियोग का संयोग बनेगा। हरियाली अमावस्या पर पंच महायोग का संयोग बन रहा है। ऐसा संयोग 125 वर्षों के बाद बन रहा है। नाग पंचमी विशेष संयोग में मनाई जाएगी।जानिए किस दिन कौन सा सोमवार पड़ने वाला है और हर सोमवार का क्या महत्व होता है…

कैसे रखें व्रत :-

नारद पुराण के अनुसार सोमवार व्रत में व्यक्ति को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर स्वच्छ कपड़े पहन लेना चाहिए।पूजा स्थान की सफाई करनी चाहिए ।अगर संभव हो तो व्रत वाले दिन शिव भगवान के मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल व दूध चढ़ाएं।भोलेनाथ के सामने आंख बंद शांति से बैठें और उसके बाद व्रत रखने का संकल्प लें। दिन में सुबह और शाम भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करें। इस दिन पूजा करते समय व्रत कथा जरूर सुनें क्योंकि इसके बिना व्रत पूर्ण नहीं माना जाता है। शाम को पूजा के बाद व्रत खोल लें। शास्त्रों के अनुसार सावन सोमवार व्रत में तीन पहर तक उपवास रखकर उसके बाद व्रत खोलना चाहिए। यानी कि एक समय भोजन करना चाहिए।सावन के सोमवार को हो सके तो रुद्राभिषेक कराएं।




[ads id="ads2"]



सावन सोमवार व्रत तिथि :- 

इस बार सावन में चार सोमवार पड़ रहे हैं, जिसे शुभ माना जा रहा है। इस बार शिवरात्रि भी 30 जुलाई को है, यानी कि दूसरे सोमवार के अगले दिन मंगलवार को। सावन में मंगलवार का दिन माता गौरी को समर्पित होता है, इसलिए इस दिन मंगला गौरी व्रत किया जाता है। मंगला गौरी व्रत के दिन शिवरात्रि का पड़ना भी अपने आप में विशेष है।

22 जुलाई: इस सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को है। यह पहला सोमवार सभी भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। ऐसा मााना जाता है कि इस दिन शिव की पूजा से सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है।

29 जुलाई: सावन का दूसरा सोमवार 29 जुलाई को है। इस दिन शिव की पूजा-अर्चना से भक्तों को अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है।

30 जुलाई: शिवरात्रि 

05 अगस्त: तीसरा सोमवार 5 अगस्त को है। भक्तजन इस दिन शिव के मंत्रों का जाप करके मंत्र सिद्धि को प्राप्त करते हैं।

12 अगस्त: सावन का चौथा और आखिरी सोमवार 12 अगस्त को पड़ रहा है। इस दिन भोलेनाथ की पूजा से शत्रुओं पर विजय और कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है।

सावन व्रत पूजा विधि :-

सावन के सोमवार के दिन सूर्योदय से पहले तीसरे पहर में उठकर घर की सफाई और दैनिक क्रियाओं को पूरा कर स्नान करना चाहिए। उसके बाद पूरे घर को गंगाजल छिड़क कर पवित्र कर दें। घर के मंदिर में भगवान शंकर और मां पार्वती की मूर्ति को स्थापित करें और अगर पहले से मौजूद है तो उसे साफ कर के रखें। उसके बाद पूजा का आरंभ भगवान श्री गणेश की अराधना से करना चाहिए। फिर भगवान शिव जी, माता पार्वती व नन्दी देव की पूजा करनी चाहिए।फिर तांबे के लोटे या अन्य किसी पात्र में जल भरें और उसमें गंगा जल मिला लें। इसके बाद उस जल से भगवान शिव का जलाभिषेक करें। पूजन सामग्री में दूध, दही, जल, शहद, घी, चीनी, मोली, पंचामृ्त, वस्त्र, सफेद चन्दन, जनेऊ, रोली, बेल-पत्र, चावल, आक-धतूरा, फूल, भांग, पान-सुपारी, इलायची, कमल गठ्टा, प्रसाद, लौंग, मेवा के साथ दक्षिणा चढ़ाई जाती है। इतना करने के बाद ‘मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं सोमव्रतं करिष्ये’ मंत्र का जाप करें।


इसके पश्चात निम्न मंत्र से ध्यान करें-

'ध्यायेन्नित्यंमहेशं रजतगिरिनिभं चारुचंद्रावतंसं रत्नाकल्पोज्ज्वलांग परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्‌।
पद्मासीनं समंतात्स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं विश्वाद्यं विश्ववंद्यं निखिलभयहरं पंचवक्त्रं त्रिनेत्रम्‌॥

ध्यान के पश्चात 'ॐ गं गणपतये नमः' से गणेश जी का , 'ॐ नमः शिवाय' से शिवजी का , 'ऊँ नमः शिवायै' से पार्वतीजी का षोडशोपचार पूजन करें तथा 'ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः' का जाप करें | सोमवार व्रत कथा सुनें। व्रत कथा सुनने के बाद भगवान शंकर की आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं। ध्यान रखें कि भगवान शिव को तुलसी का पत्ता, हल्दी और केतकी का फूल कभी अर्पित न करें।दिनभर उत्तम आचरण करें, मिथ्या न बोलें।शाम के समय शिव पुराण का पाठ करें और आरती के बाद प्रसाद ग्रहण कर पारण कर लें।

सावन माह के पवित्र दिन :-

इस माह में वैसे तो सभी पवि‍त्र दिन होते हैं लेकिन सोमवार, गणेश चतुर्थी, मंगला गौरी व्रत, मौना पंचमी, श्रावण माह का पहला शनिवार, कामिका एकादशी, कल्कि अवतार शुक्ल 6, ऋषि पंचमी, 12वीं को हिंडोला व्रत, हरियाली अमावस्या, विनायक चतुर्थी, नागपंचमी, पुत्रदा एकादशी, त्रयोदशी, वरा लक्ष्मी व्रत, गोवत्स और बाहुला व्रत, पिथोरी, पोला, नराली पूर्णिमा, श्रावणी पूर्णिमा, पवित्रारोपन, शिव चतुर्दशी और रक्षा बंधन।

सावन सोमवार व्रत फल :- 

सोमवार व्रत नियमित रूप से करने पर भगवान शिव तथा देवी पार्वती की अनुकम्पा बनी रहती है।जीवन धन-धान्य से भर जाता है।सभी अनिष्टों का भगवान शिव हरण कर भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं।

spiritual # puja path #Sawan 2019 sawan somvar vrat 2019 sawan somvar vrat date sawan somvar puja vidhi significance of sawan somvar vrat
sawan ka pehla somwar 2019 Sawan Shivratri 2019

1/Write a Review/Reviews

Post a Comment

Previous Post Next Post